दीपक विश्वकर्मा (9334153201)  पूर्व विधायक रामनरेश सिंह की बड़ी  बहू रानी सिंह ने बेन जिला परिषद सदस्य के लिए अपने नामांकन का पर्चा दाखिल किया ।सोमवार को उन्होंने राजगीर अनुमंडल पहुंचकर अनुमंडल पदाधिकारी को अपने नामजदगी का पर्चा सौपा । जबकि उनके पुत्र प्रियतम राजा बिहार शरीफ दक्षिणी से जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने जा रहे हैं  ।

राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ रखने वाले पूर्व विधायक रामनरेश सिंह का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से शुरू हुआ 1975 में  मीशा कानून के तहत उन्हें डेढ़ वर्ष बक्सर जेल में रहना पड़ा । 1 वर्ष 6 माह तक रामनरेश सिंह उसी बैरक में थे जहां नीतीश कुमार और सुशील मोदी भी थे । उसके बाद 1978 में वे जेल से ही मुखिया चुने गए । 1981 में उन्होंने बिहार शांति मिशन का गठन किया ।जिसके माध्यम से सांप्रदायिक दंगे के समय लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया ।

उनका कार्य काफी सराहनीय रहा जिसकी चर्चा आज भी लोगों के जुबान पर है । 1980 से 1985 फिर 1990 से 1995 तक नालंदा विधानसभा से दे दो बार विधायक बने ।  जानी-मानी हस्ती श्याम सुंदर प्रसाद को उन्होंने दोनों बार शिकस्त दी ।1990 में लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाने में इनकी अहम भूमिका रही । उन्होंने निर्दलीय को साथ लेकर उन्हें मुख्यमंत्री की गद्दी पर बिठाया ।इनके पुत्र प्रियतम राजा बिहारशरीफ दक्षिणी से और बहू रानी सिंह बेन  से जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने जा रही हैं ।अपने पुत्र और बहू के चुनाव प्रचार में जब रामनरेश सिंह निकलते हैं तो लोगों का हुजूम इन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ता है ।

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