दीपक विश्वकर्मा ( 9334153201 ) इस प्रचंड गर्मी में बिहार शरीफ शहर में भी पेय जल की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है | आलम यह है कि लोगो को  पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है | शहर की बात करें या फिर ग्रामीण क्षेत्रों की कमोवेश सभी जगहों  का एक ही हाल है | भले ही जिला प्रशासन जिले में समुचित जलापूर्ति कराने का दावा कर रही हो मगर यह दावा उनके खोखले साबित हो रहे हैं | बिहार शरीफ शहर के अधिकांश इलाकों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है | शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां वर्षों से जल संकट कायम है | आलम यह है कि लोगों को दूरदराज से पानी लाना पड़ता है जिसके कारण लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है | एक तो प्रचंड गर्मी और ऊपर से पानी लाने का बोझ  इससे उनकी  परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है | बिहार शरीफ के  शेरपुर इलाके का सबसे बुरा हाल है |
 यह इलाका अल्पसंख्यक बाहुल्य माना जाता है | यहां कई महीनों से पेयजल संकट बरकरार है | आलम यह है कि छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी पानी लाने के लिए दूर तक जाते है बच्चों के चेहरे पर उसका दर्द साफ देखा जा सकता है | हालांकि जिला प्रशासन द्वारा कई  मोहल्ले में पेयजल आपूर्ति कराये जा रहे हैं जो ना काफी सावित हो रहा है |  जो दौलतमंद है वह तो पानी खरीद कर पी लेते हैं मगर गरीब बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं |
इस इलाके के जल संकट का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता की मो अशफाक के जनाजे को नहलाने के लिए उनके घर में पानी नहीं था |  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद कॉलेज के डेप्युटी चेयरमैन रूमी खान ने अपने घर से पानी देकर जनाजे को नहलवाया | इसे अगर जल त्रासदी कहा जाये तो शायद गलत नहीं होगा |
अगर हम बात करें शेरपुर इलाके की तो इस इलाके के आसपास थवई  मोहल्ला ,शेरपुर, सलूगंज ,खांची गली, सूफी नगर नीम गंज , चमन चौक का कमोबेश यही हाल है | लोग इस पेय जल संकट के लिए जनप्रतिनिधि पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं ,गुस्सा फूटना भी लाजमी है चुकी जल ही जीवन है |

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