मंत्री बनने के बाद से सरकार को अस्थिर करने में लगे थे गोडसेवादी सुधाकर सिंह : पप्पू यादव

सुशील मोदी ने बढ़ाया बालू माफिया का मनोबल :

दीपक विश्वकर्मा : जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बिहार के कृषि मंत्री के इस्तीफे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें गोडसेवादी बताया और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मंत्री बनने के बाद से ही भाजपा के इशारे पर बिहार की सरकार को अस्थित करने में लगे थे। पप्पू यादव ने ये भी कहा कि ऐसे लोगों से ही राजद सुप्रीमो लालू यादव अगर न घिरे होते तो आज वे प्रधानमंत्री होते। पप्पू यादव ने ये बातें रविवार को हिलसा बाजार में अवस्थित माता महाकाली मंदिर में शारदीय नवरात्र के मौके पर पट खोलने के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं।

इस मौके पर जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने समस्त बिहारवासियों के कल्याण की कामना की।उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमानदार बताया और कहा कि सुधाकर सिंह खुद चावल घोटाले में जेल जा चुके हैं और वे नैतिकता की बात करते हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अपील करते हुए कहा कि अगर मजबूत और स्थिर सरकार के लिए ऐसे लोगों का इस्तीफा ले लेना चाहिए। किसी भी कीमत पर ऐसे मंत्री को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

अगर यह इस्तीफा स्वीकार नही हुआ, तो सरकार की अविश्वशनीयता बढ़ेगी और भाजपा नीतीश कुमार पर हमलावर होगी।पूर्व सांसद ने आगे कहा कि सुधाकर सिंह 4 सालों तक गोडसे की गोद में खेले। भाजपा की गोद में पले बढ़े। चावल घोटाले में जेल में रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अविलंब सुधाकर सिंह जैसे लोगों का इस्तीफा स्वीकार करें। वे जिस दिन से मंत्री बने हैं, तब से उनकी मंशा सरकार को अस्थिर करने की रही है। इसमें भाजपा की पूरी भूमिका है। इसलिए ऐसे लोगों को नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए, जो लोग एक वोट नहीं दिला सकते हैं।

वहीं, पप्पू यादव ने कॉंग्रेस को भी आगाह किया और कहा कि विदेशी मीडिया व शशि थरूर जैसे नेताओं से उन्हे सावधान रहने की जररूत है। ऐसे लोगों को भारत के बारे में कुछ भी पता नहीं है।इससे पहले पप्पू यादव ने बिहार से माफिया के सफाया को जरूरी बताया और कहा कि बिहार की तरक्की में माफिया का गठजोड़ को बाधक है, जिसे खतम करने की जरूरत है। बालू माफिया का मुहिम चला कर बिहार से सफाया हो। इनके मनोबल को बढ़ाने का काम सुशील मोडी के समय से हुआ, जब वे खनन विभाग के मंत्री थे। एनडीए ने बालू माफिया को बढ़ावा दिया था। और आज वही गलत तरीके से बिहार को बदनाम करने में लगे हैं।

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