दीपक विश्वकर्मा ( 9334153201 ) विधानसभा चुनाव को लेकर  सीएम का पैतृक गांव कल्याण विगहा इन दिनों मीडिया कर्मियों के लिए दार्शनिक स्थल बन गया है| प्रत्येक दिन सीएम के गांव  उनकी हकीकत जानने देश विदेश के मीडिया कर्मी पहुंच रहे हैं | खासकर सीएम के सेवक सीताराम सेलिब्रिटी बन गए हैं जो कोई भी मीडिया कर्मी यहां पहुंचते हैं सीताराम से सीएम के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं | चुकी सीताराम ही वर्तमान परिवेश में एक ऐसे शख्स है जो उनकी बचपन की यादें से लेकर अब तक की बातें को मीडिया तक पहुंचा रहे हैं |

सीताराम का कहना है कि बचपन से ही  नीतीश कुमार अन्य बच्चों की तुलना में अलग विचारधारा के रहे उनका कहना है कि बचपन में खेल के दौरान अगर कोई बच्चे झगड़ा करते तो नीतीश उसे सुलझाने  की कोशिश करते | जहां तक हम विकास की बात करें तो सीएम का गांव कल्याण विगहा  बिहार के विकास का आईना है | जहां कोई ऐसी सुविधा नहीं बची है जो इस गांव में न हो | अंतरराष्ट्रीय स्तर का शूटिंग रेंज ,स्टेडियम, प्लस टू उच्च विद्यालय ,इंजीनियरिंग कॉलेज बेहतर अस्पताल बिजली पानी  और चकाचक सड़कें से लेकर सभी सुविधाएं यहां प्रदान की गई है जो बड़े बड़े शहरो को नसीब नहीं हुआ है |

हालांकि विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि जितने विकास मुख्यमंत्री ने अपने गांव का किया पूरे बिहार में कहीं नहीं किया गया |  मगर हम तस्वीरों को देखें तो राजगीर मुख्यमंत्री का मुख्य केंद्र रहा है जहां उन्होंने इतने विकास के कार्य करवाएं जिसे बताना संभव नहीं | हालांकि कुछ गांव ऐसे हैं जहां जनप्रतिनिधियों ने सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है |  अगर हम शराबबंदी ,बाल विवाह ,दहेज़ उन्मूलन की बात करें तो शराबबंदी के मामले में वह सफलता नहीं मिल पाई जिसकी उम्मीद की गई थी | मगर बाल विवाह ,दहेज़ उन्मूलन पूरी तरह फेल है शराब बंदी कानून को लेकर पुलिस अलर्ट है और शराब बरामदगी के साथ साथ गिरफ्तारियां भी हो रही है |

 हम अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो  दहेज़ और बाल विवाह के मामले में एक दो अदद छोड़ कर कोई गिरफ्तारियां नहीं हुई है | नालंदा में  7 विधानसभा क्षेत्र है जिनमें से बिहार शरीफ, राजगीर ,इस्लामपुर, हिलसा ,हरनौत ,नालंदा और अस्थावां  शामिल है | हालांकि इस बार उन्होंने हिलसा और राजगीर में कैंडिडेट को बदल दिया है | जबकि अन्य सीटों पर वही लोग चुनाव लड़ रहे हैं जिन्होंने  कई बार से अपनी सीट को बरकरार रखा है | हालांकि कुछ सीटों पर टिकट मिलने के पहले विवाद था मगर उस विवाद पर विराम तब लग गया जब टिकट का बंटवारा हो गया | हर बार चुनाव में यह देखा गया है कि लोग कई विधायकों का विरोध करते रहे मगर जब सीएम का दौरा हुआ तो सभी लोग फिर से गोल बंद हो गए |

अब देखना यह दिलचस्प होगा इस बार सीएम का सिक्का नालंदा में चलता है या फिर नहीं | मगर एक बात तो दिगर है कि बिहारशरीफ सीट पर आरजेडी ने अपना ट्रंप कार्ड खेला है जो  बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है | अधिकांश पार्टियों पर आरोपी यह भी लगे हैं की टिकट बंटवारे में धनबल और रसूक का भी इस्तेमाल किया  गया है | खैर मामला चाहे जो भी हो मुहब्बत  और जंग में सब जायज है |

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