आर्थिक वृद्धि दर में नरमी के बीच रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25 प्रतिशत की कटौती की और साथ ही आगे के लिए नीतिगत रुख को ‘तटस्थ से ‘नरम कर दिया है। इस साल यह लगातार तीसरा मौका है जब केंद्रीय बैंक ने बैंकों के लिए सस्ता धन सुलभ कराने के लिए अपनी नीतिगत दर में कटौती की गयी है। इन तीनों मौकों को मिला कर रपो दर में कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है। आइए जानतें हैं मौद्रिक समीक्षा बैठक की 10 अहम बातें…
1 आरबीआई ने रेपो रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी तत्काल की जरूरत के लिए एक दिन के लिए धन उधार देता है।
2 रिजर्व बैंक ने एनईएफटी और आरटीजीएस लेन-देन पर लगने वाले शुल्क को हटा दिया है। साथ ही बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा है।
3 रिवर्स रेपो दर 5.50 प्रतिशत जबकि उधार की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) पर ब्याज दर और बैंक दर 6.0 प्रतिशत की गयी।
4 रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया। वृद्धि दर के अनुमान में कमी का कारण कमजोर वैश्विक परिदृश्य तथा निजी खपत में कमी है।