दीपक विश्वकर्मा ( 9334153201 ) प्रचंड गर्मी और सूखे का असर नालंदा के पर्यटक स्थल राजगीर में भी देखने को मिल रहा है ,जहां एक ओर कुंड और सप्तधारा का जल सूख गया है ,वहीं जंगलों से वन्य प्राणी पेयजल के लिए गॉंव की ओर पलायन करने लगे हैं | जिसके कारण अब पर्यटक मायूस दिख रहे हैं |
राजगीर में 32 कुंड और 52 धारा है जिनसे गर्म जल का प्रवाह होता है | हालांकि इसके लिए लोग आसपास में बड़े पैमाने पर की जा रही बोरिंग को दोषी ठहरा रहे हैं लोगों का कहना है कि अगर समय रहते बोरिंग पर रोक नहीं लगाई गई तो बिहार का स्वर्ग माने जाने वाला राजगीर का ब्रह्म कुंड और सप्तधारा का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा | हलाकि पूर्व में पाण्डु पोखर निर्माण के समय जिला प्रशासन के द्वारा बोरिंग के ऊपर सख्ती से रोक लगाई गयी थी | मगर आज उस आदेश की खुलेआम धजियाँ उड़ाई जा रही है |
चाहे मुख्य मंत्री नलजल योजना हो या फिर आम लोग सभी बेखौफ हो कर अपने अपने घरो में बोरिंग करवा रहे हैं | इसके अलावे राजगीर वन्य प्राणियों का आश्रय है यहाँ के जंगलो में हिरण , नीलगाय , जंगली सूअर , साहिल , खरगोश ,और भारी संख्या में लंगूर , बंदर मौजूद है | ये सभी वन्य प्राणी इस भीषण गर्मी में पानी और भोजन के लिए तड़प रहे हैं | कारण यह है की जंगल के भीतर के सभी जलाशय सूख चुके हैं, हरियाली ख़त्म हो रही है, फलदार पौधे की कमी ,जिसके कारण ये बे जुबान वन्य प्राणी अपने प्राणो की रक्षा के लिए गॉंव की ओर पलायन कर रहे हैं |