दीपक विश्वकर्मा ,,,अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान नव नालंदा महाविहार के दैनिक मजदूरों का वार्ता के बाद 34 वें दिन आंदोलन खत्म कर दिया गया। मंगलवार से सभी दैनिक कर्मचारी अपने अपने काम पर लग जाएंगे ।दरअसल केंद्र सरकार के निर्देश पर महाविहार के 25 दैनिक मजदूरों को हटाकर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने का निर्देश दिया गया था। मगर यह सभी कर्मी आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम करने को तैयार नहीं हुए ।अंततः इन मजदूरों ने आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया और महाविहार के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।

हालांकि इस दौरान प्रशासनिक से लेकर महाविहार प्रशासन की ओर से वार्ता की कोशिश की गई मगर वह विफल रहा ।अंततः असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान की पहल पर दैनिक मजदूरों की वार्ता हुई और इसमें सफलता मिली। कुलपति के समक्ष हुए इस वार्ता में मजदूरों का 4 सदस्य टीम शामिल था ।जिसमें अजय पासवान, उपेंद्र कुमार ,कमलेश प्रसाद और नारायण प्रसाद शामिल थे ।जबकि कुलपति प्रोफेसर वैद्यनाथ लाभ ,रजिस्टार, दो प्रोफेसर और एक चतुर्थवर्गीय कर्मी इस वार्ता में मौजूद रहे।

दैनिक मजदूर अजय पासवान ने बताया कि वार्ता के दौरान कुलपति द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया ।जो कर्मियों की बातों को सुनकर उसका समाधान कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से उस सर्च पर हम लोग काम करने के लिए तैयार हुए हैं जो भुगतान महाविहार द्वारा किया जा रहा था उसी भुगतान को आउटसोर्सिंग को करना है ।उसके अलावा पीएफ और स्वास्थ्य सेवाएं भी दी जानी है। साथ ही साथ हाल में एमटीएस भर्ती में वरीयता के आधार पर हम लोगों को मौका दिया जाएगा ।

उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान यह भी बातें आई कि जो आगे भी आउटसोर्सिंग होंगे उन्हें भी इन्हीं कर्मियों को रखने के लिए महाविहार द्वारा बाध्य किया जाएगा। साथ ही साथ आंदोलन के दौरान रजिस्ट्रार द्वारा दैनिक मजदूरों पर किए गए f.i.r. को वापस लेने का भी आश्वासन दिया गया । इसके अलावा कई मुद्दों पर चर्चा की गई उसके बाद सभी दैनिक मजदूरों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया।

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