दीपक विश्वकर्मा,,
आई.एम.ए. बिहार के राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्यों की बैठक डा. श्याम नारायणप्रसाद अध्यक्ष, आई.एम.ए. बिहार की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में डा. सहजानन्द प्रसाद सिंह, डा. कैप्टन दी. एस. सिंह, डॉ बसंत सिंह ,डॉ सचिदानन्द कुमार, डा. सिंह, डा. विमल कुमार कारक, डा. संजीव रंजन कुमार सिंह, डा.अशोक कुमार, डा. बृजनंदन कुमार, डा. दिनेश कुमार, डा. सौरभ कुमार समेत कई चिकित्सक शमिल थे। आई.एम.ए. बिहार राज्य शाखा के सभी सदस्य राजस्थान सरकार द्वारा चिकित्सकों के विरोध के बावजूद “राईट टू हेल्थ बिल” को पारित किये जाने से दुःखी एवं आक्रोशित है। यह बिल आग जनों को संविधान के धारा-21 के अंतर्गत सरकार से राईट टू लीव अधिकार से करने का प्रयास है। सरकारें स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने वर्चस्व कायम करने पर उतारू है। किसी न किसी रूप में केन्द्र
को प्राइवेट सेक्टर पर बिना किसी खर्च कर उन्हें एवं सभी राज्य सरकारें एक जैसा कदम उठा रही है। राजस्थान सरकार जबतक इस जनविराधी काला कानून (राईट टू हेल्थ बिल को वापस नहीं लेती है तब तक आई.एम.ए. बिहार इसका हर स्तर विरोध करना जारी रखेगी। राष्ट्रीय आई.एम.ए. ने आज दिनांक 27 मार्च को राष्ट्रलापी काला दिवस मनाने की घोषणा की है।
इस दिन देश भर में चिकित्सक काला पट्टी बाँध कर काम करेंगे राजस्थान एवं केन्द्र सरकार को अपना ज्ञापन सौंपेंगे
आम सभा करेंगे जिसमें उनके विषय के समर्थन में प्रस्ताव पारित करेंगे एवं भविष्य में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के
लिए तैयार होंगे।राष्ट्रीय आई.एम.ए. द्वारा घोषित 27 मार्च 123 के आंदोलन में आई.एम.ए. बिहार सभी अन्य चिकित्सीय संगठनों से भी साथ देने की अपील करता है। आई.एम.ए. बिहार इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ प्रोफेसर डा. संजय कुमार, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष फारमोकोलॉजी विभाग, नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना को सकुशल बरामदनी नहीं किये जाने की घोर भर्तसना करता है। डा. संजय कुमार को लापता हुए पच्चीस दिन बीत चूके है और इस बाध्यकारी परिस्थिति के मद्देनजर आई.एम.ए. बिहार राज्य शाखा बिहार सरकार से माँग करती है कि वे लापता डा. संजय कुमार की सकुशल बरामदगी के लिए अविलंब इसकी जाँच सी.बी.आई से कराने की घोषणा करें।

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