दीपक विश्वकर्मा (9334153201 )   : बैंकिंग के क्षेत्र में देश की नामी संस्थान बीएससी अकादमी ने बिहार शरीफ के मछली मंडी के समीप  आंनद मार्ग में अपने 56 वें ब्रांच की शुरुआत की। सेंटर का उद्घाटन शहर के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. श्याम नारायण प्रसाद और  निदेशक नागेन्द्र कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर डॉ. श्याम नारायण प्रसाद ने कहा कि शहर को एक बेहतर कोचिंग की ज़रूरत थी। एक छत के नीचे सभी विषयों की पढ़ाई व तैयारी बीएससी कराएगी जो हर्ष का विषय  है। उन्होंने कहा की शिक्षक अच्छे होंगे तभी  शिक्षा के साथ साथ उन्हें सही मार्ग दर्शन मिलेगा |

निदेशक नागेन्द्र सिन्हा ने कहा कि बैंकिंग,रेलवे व एसएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को अब कोटा या महानगर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अब एक छत के नीचे तमाम चीजों की तैयारी बीएससी अकादमी कराएगी।  उन्होंने कहा कि नालंदा व आसपास के जिले के छात्रों को बड़े शहर का रुख करना पड़ता था। अब बिहारशरीफ में बीएससी एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरेगी।  यह संस्थान 1993 से देश के कई हिस्सों में अपना सेंटर चला रही है। यहां के लोगों के आर्थिक स्थिति को देखते हुए न्यूनतम फीस निर्धारित किया गया है। इतना ही नहीं सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) की भी तैयारी यहां कराई जाएगी।

पूरा कोर्स टारगेट ओरिएंटेड है ताकि छात्र समय प्रबंधन के साथ आसानी से परीक्षा पास कर सके। संस्थान की मैगज़ीन क्रॉनिकल पूरे देश में प्रसिद्ध है।  जो बच्चे मैथ क्यूकर पढ़ते  हैं उन्होंने  एम टायरा व इंग्लिश एस ईजी के लेखक चेतनानंद  सिंह का नाम जरूर सुना होगा ऐसे कई बड़े स्कॉलर इस संस्थान के हिस्सा है | जो पढ़ाई के साथ-साथ मॉक इंटरव्यू की व्यवस्था कराते  हैं |  दरअसल नागेंद्र प्रसाद सिन्हा नालंदा जिले के नूरसराय के नोसरा गांव के रहने वाले हैं इनकी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट में हुई  उसके बाद 12वीं पटना साइंस कॉलेज और बीए ऑनर्स दिल्ली यूनिवर्सिटी से इन्होंने किया |

इन्होने  1993 में रेलवे ,बैंकिंग एसएससी के लिए मैगजीन की शुरुआत की और इस मैगजीन को देश के अंदर में काफी लोकप्रियता मिली | उसके बाद उन्होंने बीएससी एकेडमी की स्थापना की  जिसकी शाखाएं आज देश के कई प्रांतों में चल रही हैं | सबसे बड़ी बात यह है की इनके क्लासरूम से 3 लाख  से भी अधिक छात्र-छात्राएं सफल होकर निकले हैं जो देश के विभिन्न कोने में पदस्थापित हैं |

बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं नालंदा का बेटा हूं और मैं नहीं चाहता कि यहां के बच्चों को लोग दिग्भ्रमित कर उन्हें गलत रास्ता बताएं हमारी सोच है कि यहां के बच्चे कम पैसे में आगे बढ़े और अपने मिशन को पूरा करें |  उन्होंने कहा कि नालंदा पूर्व से ज्ञान की भूमि रही है और यहां के बच्चे काफी प्रतिभाशाली हैं ऐसे में केवल उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है |मौके पर विरेश कुमार,इंजीनियर अरविंद कुमार,अनिल सिंह,हेमंत कुमार सिन्हा, सेंटर हेड अंजिल कुमार मौजूद थे।

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