बच्ची हुई जख्मी नेचर सफारी की व्यवस्था पर लगा सवालिया निशान

Nalanda : अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर के नेचर सफारी में एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। हम आपको बता दें कि नेचर सफारी में बनी जीप लाईन में एक गर्ल टूरिस्ट जीप लाईन में रेसिंग कर रही थी उसी दौरान जीप लाइन के दूसरे छोर के सेफ्टी टॉवर पर कोई भी बनकर्मी मौजूद नही थे, जिसके कारण रेसिंग करती गर्ल टूरिस्ट के साथ हादसा होते होते टल गया है, हालांकि सेफ्टी टावर में टकराने से बच्ची जख्मी हो गई. मामला हुआ यूं की बच्ची एक छोर से दूसरे छोर पर जीप लाइन के माध्यम से पहुची मगर टावर पर कोई भी कर्मी नही रहने के कारण बच्ची टावर से टकराते हुए बापस लौटी और बीच मे फस गई। जिसके बाद वहां पर मौजूद पर्यटकों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में अन्य पर्यटको की मदद से उसे नीचे उतारा गया । इस मामले में वन विभाग के अधिकारी विकास अहलावत ने कहा कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वह सरासर गलत है क्योंकि जिस वक्त वह सेफ्टी टावर पर पहुंची थी उस वक्त वहां पर सुरक्षा गार्ड मौजूद थे उन्होंने कहा कि वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में भी यह बात साफ तौर पर दिख रहा है कि बच्ची जब सेफ्टी टावर के पास पहुंची तो गार्ड के द्वारा उतारने की कोशिश की गई लेकिन हवा तेज रहने के कारण वह वापस जिपलाइन ट्रैक के तरफ चली गई। नालंदा के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि मैंने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला है और उसमें हमारे कर्मी वहां मौजूद थे l किसी शरारती तत्वों ने इस वीडियो को वायरल किया है और नेचर सफारी को बदनाम करने की कोशिश की है ।यह तो हुई वन विभाग के वरीय अधिकारी का कथन और दूसरी तरफ अगर हम नजर डालें तो जो बच्ची इसकी शिकार हुई है उसका नाम है सुप्रिया भारती यह राजगीर के रहने वाली है । जो सरस्वती विद्या मंदिर में दसवीं की छात्रा है । इनके पिता परमानंद कुमार सफल मोबाइल व्यवसाई है ।यह बच्ची अपने मामा नवीन कुमार के साथ नेचर सफारी गई थी ।जैसे ही यह दुर्घटना हुई बच्ची के मामा नवीन कुमार ने परमानंद जी को फोन किया उसके बाद नेचर सफारी के गेट पर वे पहुंचे ।उस दौरान ना तो वहां कोई कर्मी मौजूद था और न ही कोई फर्स्ट एड बॉक्स । ऐसी परिस्थिति में जख्मी बालिका को परिवार वालों ने द्वार तक लाये । और वहां से परमानंद ने अपनी पुत्री को आनन-फानन में विरायतन लाया जहां उसका इलाज करवाया । इस दुर्घटना में बच्ची न केवल जख्मी हुई बल्कि उसकी मानसिक दशा भी थोड़े समय के लिए खराब हो गई ।परिवार वालों वाले वन विभाग के इस व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं ।उनका कहना है कि अगर समय पर हम लोग अपनी बच्ची को नहीं निकालते तो बड़ा हादसा भी हो सकता था ।ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा दिए गए बयान बयान कितना सत्य है यह देखने वाली बात है ।मगर यह बात दीगर है कि पर्यटकों के लिए शुरू किए गए नेचर सफारी में अगर सुरक्षा की कोई व्यवस्था न हो और यहां के कर्मी लापरवाह हो तो ऐसे में बड़ा हादसा भी हो सकता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *