18 जुलाई को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय मुख्यालय पर धरना , प्रदर्शन एवं तालाबंदी
3 अगस्त को दिल्ली में धरना प्रदर्शन
दीपक विश्वकर्मा,, शैक्षणिक सत्र 2012, 2013, 2014 एवं 2015 का अनुदान राशि भुगतान करने , शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के लिए विश्वविद्यालय प्रतिनिधि का मनोनयन , शिक्षक प्रतिनिधि चुनाव प्रक्रिया पुरी करने , पद सृजन का लंबित मामलों का निपटारा , उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पारिश्रमिक भुगतान आदि मांगों की पूर्ति हेतु पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय एवं मंगध विश्वविद्यालय अन्तर्गत संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षाकर्मी संयुक्त रुप से बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) के बैनर तले 18 जुलाई को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के मुख्यालय पर धरना, प्रदर्शन एवं तालाबंदी करेंगे ।
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) के प्रधान संयोजक डा शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, राज्य संयोजक प्रो राजीव रंजन, राज्य मीडिया प्रभारी प्रो अरुण गौतम, मगध एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त संयोजक डा कुमार राकेश कानन, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय अध्यक्ष डा रामनरेश प्रसाद,मगध विश्वविद्यालय अध्यक्ष डा नवल किशोर प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि नवंबर 2021 से ही वेतन मद् अनुदान राशि विश्वविद्यालय को प्राप्त है, परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन की लापारवाही और शोषण प्रवृत्ति के कारण शिक्षाकर्मियों को महाविद्यालय के माध्यम से भुगतान नहीं हो सका है। महासंघ के नेताओं ने बताया कि 2012,2013 एवं 2014 का अनुदान राशि कुछ महाविद्यालयों को मनमाने ढंग से उगाही के आधार पर भुगतान किया गया , शेष महाविद्यालयों से उगाही की प्रक्रिया जारी रखने हेतु भुगतान रोक रखा गया है।
फैक्टनेब नेताओं ने आगे बताया कि बिहार के संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों को घाटानुदानित करने एवं शिक्षाकर्मियों को सम्मानजनक वेतनमान भुगतान करने एवं नई शिक्षा नीति 2020 के विरोध में अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ( AIFUCTO) के आह्वान पर 3 अगस्त को दिल्ली में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में बिहार के संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के सैकड़ों शिक्षाकर्मी भाग लेंगे।
फैक्टनेब ने कुलपति द्वय पाटलिपुत्र एवं मगध विश्वविद्यालय से अनुरोध किया है कि संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों की विश्वविद्यालय स्तरीय समस्याओं का अतिशीघ्र निराकरण किया जाए ।