दीपक विश्वकर्मा

नालंदा कॉलेज का आईक्यूएसी एवं केंद्रीय पुस्तकालय ने संयुक्य रूप से “डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन: अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादुन के प्रधान लाइब्रेरीयन एवं सूचना अधिकारी डॉ ए. के. सुमन ने शिरकत करते हुए अपनी पीपीटी प्रस्तुतिकरन के माध्यम से वर्तमान समय में डिजिटल लाइब्रेरी की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की डिजिटल लाइब्ररी एक ऐसी लाइब्ररी होती है जिसमे डिजिटल और इलेक्ट्रोनिक प्रारूप में डाटा को स्टोर किया जाता है और कंप्यूटर या किसी इलेक्ट्रोनिक उपकरण के द्वारा इस डाटा को एक्सेस किया जा सकता है. डॉ सुमन ने कहा की डिजिटल लाइब्ररी में लोगो को यूजफुल इनफार्मेशन और नॉलेज को मल्टीमीडिया डाटा में सूचना प्रबंधन के तरीकों का उपयोग करके दिया जाता है।

प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने अध्यक्षता करते हुए कहा की इसमें देश के सभी दुर्लभ साहित्यों व प्रलेखों को सुरक्षित रखा जाता है। हमारा देश बहुत तेजी से डिजिटल इंडिया बनते जा रहा है इसलिए आज युवाओं के लिए जरूरी है की नई तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ बिनीत लाल डिजिटल लाइब्रेरी के लाभ के बारे में बताते हुए कहा की एक ही रिसोर्स को एक ही समय में कई यूजर्स उपयोग कर सकते हैं, इसे किसी भी समय एक्सेस किया जा सकता है ।

इसका यूज करने के लिए यूजर को लाइब्ररी जाने की जरूरत नही होती है आदि। पुस्तकालय के असिस्टेंट लाइब्रेरीयन डॉ अंजनि कुमार ने कहा की कोरोना काल ने अनेक अवसर उपलब्ध कराये हैं और आज के समय में बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण डिजिटल लाइब्रेरी को एक विशेष दर्जा मिला है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विभाग के समन्वयक डॉ श्याम सुंदर प्रसाद ने वक्ता एवं उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया। कार्यक्रम में शिक्षक संघ के सचिव एवं इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रतनेश अमन, कॉलेज के शिक्षक डॉ सुमित कुमार, प्रो संजय कुमार, प्रो सरवर अली, कुसुमलता एवं अर्चना कुमारी ने भी शिरकत की।

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