दीपक विश्वकर्मा, नहाय- खाय के साथ पूरे भक्तिमय वातावरण में आज से शुरू हो गया लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व।दरअसल लोक आस्था का महापर्व छठ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। धर्म शास्त्र में मान्यता है कि छठ पूजा करने वालों को सुख-समृद्धि धन वैभव यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।हिन्दू सनातन धर्म में प्रत्येक वर्ष लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर छठी मैया की पूजा की जाती है। धर्म शास्त्र में मान्यता है कि छठ पूजा करने वालों को सुख-समृद्धि, धन, वैभव, यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है व्रत
कहते हैं जो महिलाएं यह व्रत रखती हैं उनकी संतानों को दीर्घायु और सुख समृद्धि प्राप्त होती है। संतान की प्राप्ति भी होती है इसके साथ यह व्रत करने से निरोगी जीवन का आशीर्वाद भी मिलता है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो चार दिवस तक चलता है।

इस पर्व में 36 घंटे निर्जला (बिना पानी) का व्रत रख सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। यह व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए भी होता है ।महिलाओं के साथ पुरुष भी यह व्रत करते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।

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