दीपक विश्वकर्मा ,,,,,दिव्यांगता अभिशाप नहीं है इसे सिद्ध कर दिखाया है दिखाया है देश की राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर प्रेरणा वेदांत ने ।दिव्यांग होते हुए भी डॉक्टर प्रेरणा वेदांत ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक अब तक 26 राज्यों के 40000 से भी ज्यादा महिलाओं को ब्यूटीशियन का गुर सिखा कर रोजगार से जोड़ने का काम किया है ।

गुरुवार को बिहार शरीफ के देकुली घाट स्थित गुरु कृपा उत्सव केंद्र में प्रेरणा वेदांत द्वारा ब्यूटीशियन का कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें नालंदा नवादा और पटना जिले की ब्यूटीशियन हिस्सा लिया । इस मौके पर प्रेरणा वेदांत ने कहा कि मैं हमेशा कुछ नया लेकर आती हूं और हर बार एक नया गुर सिखाती हूं ।क्योंकि हमेशा स्किन और हेयर के लिए नए नए टिप्स आते हैं ।

जिसके कारण कार्यशाला आयोजित करना पड़ता है ।उन्होंने कहा कि हमारे परिवार का उद्देश्य है हमेशा एजुकेशन को बांटना क्योंकि विद्या का दान सबसे बड़ा दान होता है। इसलिए नॉलेज को बाँटिये और लोगों को अपग्रेड कीजिए। जब तक मैं जिंदा हूं तब तक लोगों को सिखाती रहूंगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे द्वारा देश के कई क्षेत्रों की ब्यूटीशियन रोजगार से जुड़ कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं।

इस मौके पर मुंबई से आए अनय सिंह और उनकी धर्मपत्नी उर्वी सिंह ने ब्राइडल मेकअप से लेकर हेयर स्टाइल के अत्याधुनिक तरीकों को बताया ।दरअसल गया की रहने वाली चंचला श्रीवास्तव और उनके पति हरिशंकर प्रसाद दोनों मिलकर इस प्रकार का कार्यशाला निरंतर आयोजित कर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का काम कर रहे हैं।

दरअसल प्रेरणा वेदांत मुंबई की रहने वाली है यह ब्यूटीशियन बनाने के साथ-साथ इनका खुद का कॉस्मेटिक प्रोडक्ट है जो दूसरे प्रोडक्ट की तुलना में स्कीन पर काफी कारगर साबित हो रहा है। यही कारण है कि इनकी ख्याति निरंतर बढ़ती जा रही है, एक हाथ से दिव्यांग होने के बाद भी इनके हौसले बुलंद है और निरंतर देश के विभिन्न क्षेत्रों में यह कार्यशाला आयोजित कर रही हैं। डॉक्टर प्रेरणा वेदांत को देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके अलावा कई प्रदेशों में अब तक इन्हें सैकड़ों पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इस मौके पर आरजेडी नेत्री सुश्री शगुन सिंह भी डॉक्टर प्रेरणा वेदांत से मिली और उनसे मिलकर काफी खुश दिखीं शगुन सिंह का मानना है कि डॉक्टर प्रेरणा वेदांत का जिस प्रकार नाम है उसी प्रकार यह महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं । दिव्यांग होते हुए भी इन्होंने 40,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का काम किया है ।निश्चित तौर पर प्रेरणा वेदांत महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं ।

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