दीपक विश्वकर्मा,,,,, 9 महीने के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए । इस दौरान अटकलों का बाजार गर्म रहा, आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। अंततः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 26 साल तक कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले आरसीपी सिंह अब भगवा रंग में रंग गए। आरसीपी सिंह के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से खासकर उनके कार्यकर्ताओं में हर्ष का माहौल देखा जा रहा है ।एक दौर हुआ करता था जब नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के सहमति के बगैर कोई कदम नहीं उठाते थे ।मगर आज पासा ही पलट गया ।

।तेजतर्रार आईएएस अधिकारी नालंदा में नीतीश के खिलाफ क्या गुल खिलाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हालांकि इस दौरान उनके साथ चलने वाले कई लोगों ने उनका दामन छोड़ दिया था तो कई लोगों ने उनके दामन को पकड़े रखा ।आरसीपी सिंह कहते हैं कि नीतीश कुमार पीएम है और पीएम ही रहेंगे यानी सीधे तौर पर कटाक्ष करते हुए प्रधान मंत्री का दर्जा न देकर पीएम का मतलब पलटी मार बताया ।उन्होंने कहा कि वह कितनी बार विश्वासघात कर चुके हैं ।अब ऐसे व्यक्ति पर विश्वास करना संभव प्रतीत नहीं होता है ।

हम आपको बता दें यूपी कैडर से आईएएस पद से वीआरएस लेने के बाद नीतीश कुमार ने इन्हें अपना निजी सलाहकार बनाया। इसके अलावे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए इसी के साथ साथ उन्होंने कई पदों को सुशोभित किया। अंततः तल्ख़ियां उस वक्त पैदा हुई जब आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बन गए । इन तल्खियों के बीच वर्तमान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का नाम आता है ।जिनके कारण ही दोनों के बीच दूरियां पैदा हुई। आरसीपी सिंह भारतीय जनता पार्टी में किन शर्तों पर शामिल हुए हैं इसका खुलासा नहीं हो सका है ।

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