नालंदा,, नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वैद्यनाथ लाभ, सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के नए कुलपति नियुक्त किए गए हैं। उनके कुलपति बनाए जाने पर नव नालंदा महाविहार समेत नालंदा के कई शिक्षाविदों ने उन्हें शुभकामनाएं दी है ।दरअसल राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने प्रो० लाभ को 4 वर्ष यानी 70 वर्ष की सेवा अवधि प्राप्त करने तक के लिए कुलपति
नियुक्त किया है। प्रोफेसर लाभ पालि एवं बौद्ध अध्ययन के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त
विद्वान है। प्रोफेसर लाभ सांची विवि में बतौर डीन अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 1981 में बौद्ध
अध्ययन में दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए तथा 1982 में एम फिल में विशिष्टता सहित प्रथम स्थान, 1987 में पीएचडी के उपरांत से ही प्रोफेसर लाभ पालि और बौद्ध अध्ययन का अध्ययन अध्यापन कर रहे हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय, जम्मू विश्वविद्यालय, सांची
विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर सेवाएं देने के उपरांत अगस्त 2018 में उन्हें बौद्ध और
पालि अध्ययन के लिए विख्यात
विश्वविद्यालय नव नालंदा महाविहार का कुलपति नियुक्त किया गया। प्रोफेसर लाभ
शिक्षा मंत्रालय के अधीन पालि विकास बोर्ड के चेयरमैन का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।
उन्हें लेह लद्दाख में केंद्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र के निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया
था। प्रोफेसर लाभ भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं।
उन्हें 2021 में इंडियन सोसाइटी फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज़ के द्वारा मंजुश्री सम्मान, 2022 में
कर्ण महाकुम्भ, काठमांडू द्वारा प्रतिष्ठित कर्णश्री सम्मान और पंडित किशोरी झा नैयातिक शिखर सम्मान आदि अनेकों सम्मानों से नवाजा जा चुका है। प्रोफेसर लाभ
पालि, अंग्रेजी, हिन्दी, बुद्धिस्ट हाइब्रिड ,संस्कृत, भोजपुरी, मैथिली, मगही आदि कई
भाषाएँ जानते हैं। प्रोफेसर बैद्यनाथ लाभ ने 2 किताबों का स्वतंत्र लेखन एवं 24 किताबों
का संपादन किया है। उन्होने 100 से ज्यादा शोध पत्र लिखे हैं एवं 16 पीएचडी शोधार्थियों के गाइड रहे हैं। नव नालंदा महाविहार
विश्वविद्यालय के कुलपति रहते उन्होने एमए में च्वाइस बेस् क्रेडिट सिस्टम, स्मार्ट क्लासेस,कम्प्यूटर लैब, ऑडियो वीडियो लैक्चर
सुविधा एवं महाविहार विभाग को पालि एवं बौद्ध अध्ययन संकायों में विभाजित किया है।
उन्होने पालि-हिन्दी शब्दकोष के
का संपादन भी किया है।उन्होने पालि – हिन्दी शब्दकोष के 7 वॉल्यूम का संपादन भी किया है। प्रोफेसर वैद्यनाथ के पास लगभग 35 वर्षों का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अनुभव है। उनके निर्देशन में सांची बौद्ध-भारतीय
ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय सफलता की नई ऊंचाइयों को
छूएगा ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए ।

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