राज की रिपोर्ट ( 9334160742 )  – ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी। इसी कहावत को साकार कर रहा है मासूम दीपक की कहानी। आइये आपको बताते है क्या है पूरा माजरा। दरशल सोमबार की रात्रि बिहार थाना क्षेत्र के खैराबाद मोहल्ले में झोला छाप डॉक्टर ने बीमार 6 माह के नवजात को मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद परिजन नवजात को दफन करने के लिए श्मशान ले जा रहे थे | रास्ते में मोहल्ले के युवकों ने नवजात के चेहरे में हरकत हुई। जिसे देख हैरान रह गए। इसके बाद युवकों ने बच्चे के सीने में कान लगा, उसकी धड़कन सुनी। धड़कन चल रही थी। कुछ ही पल में यह खबर इलाके में फैल गई। मौके पर दर्जनों की भीड़ जमा हो गई। इसके बाद पवन राम के पुत्र दीपक को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां इलाजोपरांत नवजात की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। घटना की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बच्चा लू से ग्रसित था। माता-पिता मोहल्ले के प्रैक्टिशनर से उसका इलाज करा रहे थे। शाम में बच्चे के शरीर में किसी तरह की हरकत नहीं देख उसे प्रैक्टिशनर के पास ले जाया गया। जहां नवजात को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद बच्चे के पिता दफ़न करने जा रहा था | मोहल्ले वासियों ने बताया कि झोला छाप प्रैक्टिशनर की गलती के कारण आज उनलोगों के हाथों जिंदा बच्चा दफन हो जाता है। सही समय पर नवजात ने शरीर में हरकत कर अपने जिंदा होने का सबूत दिया। घटना को लोग ईश्वर की कृपा बता रहे हैं।

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