दीपक विश्वकर्मा ,,,,नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे को बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में संशोधन करने का आवेदन दिया है । दिए गए आवेदन में उन्होंने संशोधित एक्ट 2020 की धारा 10 ए में बैंक के निदेशक परिषद में कुल सदस्यों की संख्या का 51% प्रोफेशनल निदेशक का प्रावधान किया गया है ।यह प्रावधान केंद्रीय सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक में लागू करना मुश्किल होगा । उन्होंने इससे त्रिस्तरीय साख संचरण एवं प्रजातांत्रिक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की बात कही है ।उन्होंने कहा है कि त्रिस्तरीय संरचना के निचले स्तर पर यानि पैक्स से उक्त वर्णित विषयों के जानकार या व्यवहारिक अनुभव वाले 51% सदस्यों का होना मुश्किल है ।उन्होंने कहा है कि बैंक के निदेशक परिषद में 3 प्रोफेशनल निदेशक नाबार्ड के निर्देशानुसार पूर्व से प्रावधान है ।

उन्होंने पूर्व से प्रावधान नियम को ही लागू रखने की मांग की है ।साथ ही बोर्ड के निदेशक परिषद का कार्यकाल संशोधित एक्ट 2020 में 4 वर्ष तक किए जाने के नियम को लागू रखने का भी अनुरोध किया है । उन्होंने बोर्ड के निदेशक परिषद का कार्यकाल संशोधित एक्ट 2020 में 4 वर्ष करने पर कहा है कि यह प्रावधान संविधान की भावना के अनुसार नहीं है । संविधान के प्रावधान के अनुसार बैंक के बोर्ड का निदेशक परिषद का कार्यकाल 5 वर्ष का है इसे संविधान के प्रावधान के अनुसार 5 वर्ष का कार्यकाल रखा जाना चाहिए ।उन्होंने यह भी कहा है कि प्रावधान है कि बैंक के अध्यक्ष वैसे व्यक्ति हो सकते हैं जो शेयर होल्डर नहीं भी हो सकते हैं ।यह प्रावधान त्रिस्तरीय शार्क संरचना के विरुद्ध एवं सहकारी संस्थाओं के प्रतिकूल है। यह आपत्ती योग्य है। इस नियम को लागू नहीं किया जाना चाहिए।

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