सोनपुर मेले में रेत के जादूगर मधुरेंद्र की धूम, देखो मेरा देश सैंड कलाकृति बनी मुख्य आकर्षण का केंद्र

: भारत की कला संस्कृति को विदेशों में पहचान एक विशिष्ट पहचान दिलाने वाले देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के बिहार के मिट्टी में उपजे अंतरराष्ट्रीय रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार का सैंड आर्ट विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में एक बार फिर से रेत पर देखो मेरा देश की धमाकेदार कलाकृति धूम मचा दी है। जिसे देख हर कोई मोहित हो रहा हैं। कहा जाता हैं कि “जहां चाह हैं, वही राह” हैं। इसको चरितार्थ करते हैं मधुरेन्द्र। इनमें त्याग और समर्पण इतना कि दिन-रात कठिन परिश्रम कर चाहे चिलचिलाती धूप हो या कपकपाती ठंड का कहर, हर मौसम में भी एक ठोस पहाड़ की भांति अडिग रह अपनी कला साधना में लीन रहतें हैं। और अपनी बेमिसाल कलाकारी का बेहतरीन नमूना पेश कर आये दिन देश- दुनियां को नया पैगाम देने में जुटे रहतें हैं। जब इनकी अंगुलियों की जादू चलती हैं तो रेत भी बोल उठती हैं।

डीएम ने दी कला प्रदर्शन की अनुमति
सोनपुर मेला उद्घाटन उपरांत सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने प्रवेश द्वार के ठीक सामने बने मुख्य सांस्कृतिक पंडाल के दहिनी ओर गरुड़ पर सवारी करते भगवान विष्णु के साथ गज और ग्राह की विशालकाय युद्धरत प्रतिमा को दो ट्रक बालू पर उकेरी हैं। जिसे देख सारण जिलाधिकारी राजेश मीणा भी अभिभूत हो गए। सैंड आर्टिस्ट की इस कलाकृति से प्रभावित होकर डीएम ने अपने अतिथियों के स्वागत के लिए सैंड बनाने का निर्देश मधुरेंद्र को दे दी। सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने देखो मेरा देश हरिहर क्षेत्र सोनपुर की धमाकेदार कलाकृति को एक ट्रक बालू की रेत पर मेले में डीएम आवास पर बने मुख्य सांस्कृतिक मंच के ठीक सामने अपनी इस अद्भुत कलाकारी की बेमिसाल नमूना पेश किया हैं। यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। लोग अपने कैमरे और मोबाइल फोन में सेल्फी भी ले रहे हैं।


ज्ञात हो कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के अंग्रेजी बाजार में आजादी के पूर्व से राजा महाराजाओं का शिविर फिर अंग्रेजो का शिविर तत्पश्चात आजादी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का शिविर लगता चला आ रहा हैं। लेकिन मेले के इतिहास में पहली बार जिलाधिकारी के आदेश पर उनके भव्य शिविर प्रांगण में सैंड आर्ट का अद्भुत प्रदर्शन किया गया है।

कलाकृतियों से समाज को संदेश
बता दे कि युवा कलाकार मधुरेन्द्र रोड पर फेंके हुए कचरे से उत्पन्न दुष्प्रभाव व गुटखों के रैपर से अपनी कलाकृतियां बनाकर लोगों को नशीले चीजों के सेवन से बचने का संदेश देतें हैं, इतना ही नहीं ये बालू पर महापुरुषों की जयंती से लेकर श्रंद्धाजलि तक, देश-दुनिया की धरोहर और विरासतों की आकर्षक आकृति, देवी-देवताओं की प्रतिमा, मानव स्वाथ्य, नशा का दुष्प्रभाव, मधनिषेध, धूम्रपान निषेध, बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ, नारी उत्पीड़न, मजबूर-बेबस, हिंसा, शोषण, बाल मजदूर, भ्रूण हत्या, जल संरक्षण, जल, वायु और मृदा प्रदूषण, पशु-पंछी संरक्षण, जनसंख्या नियंत्रण, प्रकृति आपदा व आतंकवाद आदि जैसे कुरीतियों तथा कई जवलंत विषयों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर समाज को नया संदेश देते हैं।

मिला चुका हैं अवार्ड
अंतराष्ट्रीय रेतकला उत्सव विजेता सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र को अपनी कठिन परिश्रम के बदौलत लोकसभा चुनाव 2019 व विधानसभा आम चुनाव 2020 में निर्वाचन आयोग भारत सरकार का ब्राण्ड अम्बेसडर चुने गए। फिलहाल स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के ब्रांड एंबेसडर हैं। इसके अलावे राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जैसे इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल अवार्ड, इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म पुरस्कार, राष्ट्रपति सम्मान, भारत नेपाल मैत्री संबंध सम्मान, फ्रेंडशिप ऑफ इंडिया एंड अमेरिका सम्मान, वैश्विक शान्ति पुरस्कार, बिहार गौरव अवार्ड, विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला सम्मान, बिहार रत्न, ग्लोबल बिहार एक्सीलेंस अवार्ड, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शिरोमनी सम्मान, शहीद सम्मान, कला सम्राट सम्मान, आम्रपाली पुरस्कार, चम्पारण रत्न, वैशाली गणराज्य सम्मान, केसरिया महोत्सव सम्मान, बांका महोत्सव सम्मान, चम्पारण गौरव अवार्ड, बौद्ध महोत्सव सम्मान, वैशाली महोत्सव सम्मान, मिस्टर चम्पारण, राजगीर महोत्सव सम्मान, थावे महोत्सव सम्मान, राज्य स्तरीय युवा पुरस्कार, आईकॉन ऑफ चम्पारण, ग्लोबल पीस अम्बेसडर अवार्ड, मगध रत्न अवार्ड व युथ आईकॉन अवार्ड सहित सैकड़ों से ज्यादा पुरस्कार इनके झोली में हैं।

कला का प्रदर्शन
सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने नेपाल के विश्वप्रसिद्ध गढ़ीमाई मेला, श्रीलंका, यूएसए, भूटान, रूस, जापान तथा थाईलैंड सहित शार्क देशों के साथ प्रतिनिधित्व कर प्रसिद्ध लोकआस्था के महान पर्व छठ-पूजा पर कलाकृति बनाकर सभी विदेशी प्रतिभागियों के बीच अपनी कला का प्रदर्शन बिहार की सोंधी मिट्टी की खुशबू का एहसास करा दिया था। वही एशिया फेम सोनपुर मेला व सरकारी महोत्सव तथा देश-प्रदेश के विभिन्न सभी छोटे-बड़े शहरों मुंबई, महाराष्ट्र, दिल्ली, गाजियाबाद, पंजाब, भटिंडा, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, इलाहाबाद, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा, किशनगंज, राजगीर, बोधगया, थावे तथा चम्पारण में भी अपनी कला प्रदर्शन कर चुके हैं।

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने की थी सराहना
देश पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भी 2012 में मधुरेन्द्र द्वारा बनायीं गयी विकसित देश भारत में विज्ञान के विकास का महत्व पर आधारित कलाकृति को देख प्रशंशा की थी। वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओड़िसा गवर्नर प्रो गणेशी लाल व ओडिशा के रेत कलाकार पद्मश्री सुदर्शन पटनायक सहित बड़े-बड़े राजनेताओं व वरीय प्रसाशनिक अधिकारियों तथा देश-विदेश के सैलानियों को भी अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं।

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